नोबेल कोरोना वायरस

वर्तमान समय में मेडिकल जगत और सामन्य लोकजन में  नोबेल कोरोना वाइरस या कोविड-19 सबसे बड़ा चर्चा और चिंता का विषय बना हुआ है। विश्वभर में इस नोबेल कोरोना  वायरस के चपेट में आने वाले लोगों की संख्या और इस से मरने वाले लोगों की संख्या बहुत अधिक है और दिन-प्रतिदिन लगातार बढ़ती जा रही है। जिसके चलते लोगों में इसके प्रति खौफ का महौल भी है। आएये नोबेल कोरोना वायरस या कोविड-19 के बारे में जानते हैं।

नोबेल कोरोना वायरस/कोविड-19 क्या है?

वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO) के शोध और अध्ययन के अनुसार, यह एक श्वसन तंत्र संबंधित संक्रामक रोग है जो कि बड़ी तेजी से इंसानों के बीच फैल रहा है। इसकी तीव्र संक्रामकता को देखते हुए वर्ल्ड हेल्थ आर्गनाइजेशन (WHO) ने इसे 30 जनवरी 2020 को वैश्विक महामारी घोषित कर दिया और 11 फरवरी 2020 को इसे आधिकारिक कोविड-19 नाम दिया गया।
विषाणुओं (वाइरस) का समूह जो एक प्रकार की बीमारियों को दर्शाते हैं,उनके लिए विशेष नाम दिया जाता है और उन्हें विशेष परिवार में  वर्गीकृत किया जाता है। कोरोना वायरस, श्वसन संक्रमण संबंधी वायरस के परिवार के अंतर्गत आता है, जैसे सार्स, सामन्य जुकाम आदि।
कोविड-19/कोरोना श्वसन संक्रमण संबंधित परिवार का नया विकसित वाइरस है। यह सांप,  चमगादड़ जैसे जानवरों में विशेतया पाया जाता है। इस वायरस के इंसानों में संक्रमण के बाद से इसने मानव शरीर के अनुरूपखुद को ढाल दिया है और बड़ी तेजी से यह फैल रहा है। इसके सामन्य लक्षण सर्दी, खासी और निमोनिया आदि हैं। कोविड-19 सीवियर एक्यूट रेस्परेटरी सिंड्रोम (सार्स/SARS) और मिडिल ईस्ट रेस्परेटरी सिंड्रोम (MERS) परिवार से संबंधित है।इस प्रकार का वायरस श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है और बड़ी मात्रा में सांस संबंधी समस्याओं को जन्म देता है।
कोरोना शब्द लैटिन भाषा का शब्द है जिसका शाब्दिक अर्थ मुकुट/ताज (क्राउन) है। कोरोना वायरस को अगर सूक्ष्मदर्शी से देखने पर इसमें ताज जैसी संरचना उभर कर आती है। यह वाइरस जानवर से इंसानों में फैला है।जिसके कारण इसे सार्स की श्रेणी में रखा गया है।

कोविड-19 नाम क्यूं?

प्राप्त आंकड़ों के अनुसार कोरोना वायरस दिसम्बर 2019 में सबसे पहले प्रकाश में आया। चीन के हुवोई प्रांत के वुहान शहर में कोरोना का सबसे पहले मरीज की पुष्टि हुई। इस महामारी से संक्रमण और मरने वालों की तादाद में लगातार हुई बढोत्तरी होने के बाद कोरोना चाइना के पड़ोसी देशों में और पूरे विश्व में फैल चुका है। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने कोरोना को आधिकारिक नाम कोविड-19 (COVID-19) दिया है, जो कि “कोरोना वायरस  आइडेंटिफाई इन डिसेम्बर 2019” का संक्षिप्त नाम है। इसे आधिकारिक रूप से यह नाम फरवरी 2020 को विश्व स्वास्थ्य संगठन के द्वारा नाम दिया गया है।

कोरोना संक्रमण होने का कारण

कोरोना वायरस का अलग-अलग तरीके से अलग-अलग जीवों पर प्रभाव देखा गया है। मवेशियों (गाय, भैंस आदि) में यह रोग होने पर यह डायरिया के रुप में और ऊँट में यह जुकाम के रुप मे पनपता है, मुर्गियों में यह श्वास लेने में दिक्कत जैसी समस्या दर्शाता है। मेडिकल एक्सपर्ट के अनुसार यह रोग – पीड़ित व्यक्ति के सीधे या किसी अन्य प्रकार से सम्पर्क में आने से सर्वाधिक फैल रहा है। हवा, सांस और नमी इसको फैलने के लिए उपयुक्त माध्यम है। रिपोर्ट के आधार पर अधपके माँस के सेवन, सामाजिक दूरी का पालन ना करने और इम्युनिटी में कमी के कारण यह रोग ज्यादा फैल रहा है।

कोरोना संक्रमण के लक्षण

आमतौर पर कोरोना वायरस के तीन लक्षणों को विशेषज्ञों द्वारा चिह्नित किया गया है। अगर आप इनमें से कोई भी लक्षण महसूस करते हैं तो सजग रहें और डॅाक्टर से या संबंधित आधिकारिक सेवा संस्था से तुरंत सम्पर्क करें। कोरोना संक्रमण के मुख्य तीन लक्षण
1. लागातार खांसी- कोरोना वायरस श्वसन तंत्र को प्रभावित करता है। इसके कारण व्यक्ति को लगातार खांसी होने की समस्या शुरू हो जाती है, जो लम्बे समय के लिए और दिनभर में कम से कम 2-4 बार हो सकती है। खांसी में कफ (बलगम) की समस्या हो रही हो तो स्थिति गंभीर हो सकती है।
2. बुखार- कोरोना के संक्रमण के कारण शरीर में  उच्च ताप का बुखार होने लगता है। जो 37.8 डिग्री सेल्सियस तक बढ़ सकता है। बुखार की तीव्रता के कारण व्यक्ति को सर्दी और कंपकंपी का अनुभव होता है।
3. स्वाद और गंध में असमर्थता- कोरोना से ग्रसित व्यक्ति को भोजन के स्वाद और गंध की पहचान या सूंघने मे असमर्थता होती है।एसी स्थिति को नजरअन्दाज नहीं करना चाहिए।
इससे व्यक्ति को सांस लेने में बहुत दिक्कत का सामना करना पड़ता है। कोरोना वायरस के लक्षण 3 से 14 दिनों के भीतर सामन्य तौर पर दिखते हैं। इसमें सांस लेने कठिनाई, सीने मे जकड़न या दर्द, बुखार, सर्दी आदि शामिल हैं। अगर आपको कोई भी लक्षण महसूस हो तो इसे अनदेखा ना करें।
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अध्ययन अनुसार कोरोना से संक्रमित व्यक्तियों में बुखार का अनुभव, खांसी और कफ, सांस लेने में दिक्कत, निमोनिया, सिर और शरीर दर्द, डायरिया, गले में खराश आदि समस्याएं उतपन्न होती है।

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कोरोना संक्रमण के चरण-

कोरोना वैश्विक महामारी से अब तक पूरी दुनिया में बहुत अधिक लोगों की मृत्यु हो चुकी है। इस महामारी के चार चरण हैं।

पहला चरण

प्रवासी व्यक्तियों और विदेशी पर्यटकों द्वारा

इस चरण में इस वायरस का संक्रमण किसी सामन्य देश में बाहरी पर्यटकों या प्रवासियों के द्वारा होता है। संक्रमित देशों से आए व्यक्ति या संक्रमित व्यक्तियों के सम्पर्क में आए व्यक्ति के माध्यम से यह रोग एक स्थान से दूसरे स्थान  तक फैलता है।

दूसरा चरण

स्थानीय लोगों के मध्य

इस चरण (स्टेज) में बाहर से आए व्यक्तियों के सम्पर्क में आने से स्थानीय विशेष के लोगों के मध्य यह वायरस संक्रमित होता है। कोरोना वायरस के शरीर में होने पर भी कुछ दिनों तक व्यक्ति को इसका पता या कोरोना से संबंधित को लक्षण देखने को नहीं मिलता है, इस स्थिति में बाहर से आए किसी व्यक्ति के सम्पर्क में आने के बाद स्थानीय व्यक्ति यदि संक्रमित हो जाता है। वह अनजाने में अपने सम्पर्क में आने वाले सभी लोगों को यह रोग संक्रमित कर देता है।

तीसरा चरण

समाजिक स्तर पर

यह चरण का संक्रमण बहुत खतरनाक होता है। इसमें वायरस का संक्रमण सबसे अधिक तेजी से फैलता है और बड़ी संख्या में लोगों में संक्रमित होता है। इसमें भीड़ के मध्य वायरस फैल जाता है और किस व्यक्ति के द्वारा कोरोना फैला है यह संक्रमण हुआ है इसका पता लगाना भी कठिन हो जाता है। कम्युनिटी /सामाजिक स्तर पर संक्रमण में कोई भी देश बिना सख्त कदम उठाए इस स्थिति से उभर नहीं सकता है।

चौथा चरण

महामारी

इस चरण में वायरस संक्रमण की गति विकराल रुप लेती है। इसके चलते आपातकाल की स्थिति आ जाती है। इटली, ईरान, अमेरिका, चीन में यह स्थिति बन चुकी है। जब सम्पूर्ण विश्व के विभिन्न देशों में इस वायरस के संक्रमण से लोगों की लगातार मृत्यु होती रही, उसके बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन ने इसे वैश्विक महामारी घोषित कर दिया। ऐसी स्थिति में हालात पर काबू पाने के लिए लॅाकडाउन या कर्फ्यू जैसे सख्त कदम उठाने पड़ते हैं।

कोरोना से बचने के उपाय

कोरोना वायरस की अभी तक कोई भी  100% कारगर दवा बाजार में उपलब्ध नहीं है। इस से बचने का एक मात्र उपाय जागरूकता ही है। जैसा कि हमको पता है, कोरोना वायरस श्वसन तंत्र को संक्रमित करता है। इससे बचने के लिए अपनी श्वसन प्रणाली को मजबूत बनाने के लिए उपाय करना चाहिए। कोरोना वायरस से बचने के लिए किए जाने वाले प्रमुख उपायों के बारे में जानते हैं।

मास्क पहनें

यदि आप किसी जरुरी काम से घर से बाहर जा रहे हो तो मास्क पहन के ही घर से निकलें। कोरोना वायरस से पीड़ित व्यक्ति को खांसी और झींक की समस्या रहती है, इससे वायरस स्वस्थ व्यक्ति के मुँह और नाक के जरिये शरीर में प्रवेश करता है। सामाजिक कार्यक्रमों और बाजार आदि में मास्क का उपयोग अवश्य है। विशेषज्ञ N-95 मास्क का उपयोग करने की सलाह देते हैं। फेस मास्क आपकी हवा में फैले वायरस से सीधे संपर्क में आने से रक्षा करते हैं।

हाथों को अच्छे से धोये

यदि आप बाहर बाजार या आफिस से आ रहे हैं तो आपका हाथ बहुत सी वस्तुओं को छू सकता है, जिससे वायरस आपके सम्पर्क में आ सकता है। ऐसी स्थिति से बचाव के लिए अपने साथ सैनेटाइजर (कम से कम 60% अल्कोहल युक्त) अवश्य रखें और समय-समय पर इसका उपयोग करते रहे। घर पहुँचने के बाद साबुन या हैंड-वाश से कम से कम 20-30 सेकण्ड पूरा हाथ जरूर धोयें। इससे कोरोना वायरस का संक्रमण का खतरा बहुत हद तक टल जाता है।

इम्युनिटी का ध्यान रखें

कोरोना महामारी के इस समय में शरीर की रोग प्रतिरोधक शक्ति ही बचने का एकमात्र उपाय है। जितनी शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता अच्छी होगी,शरीर उतना ही रोगों से लड़ने में सक्षम होगा। रोग प्रतिरोधक क्षमता/ इम्युनिटी को अच्छा बनाने के लिए खानपान में स्वास्थ्यवर्धक भोजन का सेवन करना चाहिए।
भोजन में प्रोटीन, फाइबर, विटामिन-सी, मिनरल्स आदि शामिल होने चाहिए। हर दिन टमाटम या नीबू या आंवला का सेवन अवश्य करें।

सूरज की रोशनी में रहें

सुबह के समय सूरज की रोशनी में कम से कम 20 मिनट अवश्य खड़े रहें। सूरज की रोशनी में विटामिन डी भरपूर मात्रा में उपस्थित होता है। विटामिन-डी शरीर की हड्डियों के लिए बहुत उपयोगी होता है और रीढ़ की हड्डी को मजबूत बनाता। यह रोग प्रतिरोधक प्रणाली को मजबूत बनाने में सहायता करता है। चिकित्सा विशेषज्ञों के अनुसार धूप में प्रतिदिन खड़े होने से रोग प्रतिरोधक क्षमता में इजाफा होता है।

योग और व्यायाम करें

प्रतिदिन सुबह जल्दी उठकर योग, ध्यान और व्यायाम जरुर करें। इससे शारीरिक काम में वृद्धि होती है। प्रतिदिन सुबह सांस से संबंधित योग ( प्राणायाम, अनुलोम-विलोम, कपालभाँति आदि) जरुर करें। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्ति अधिकतम 10 सेकण्ड से अधिक सांस नहीं रोक पाता है, इसलिए सांस संबंधी योग से आपके फेफड़े अधिक आक्सीजन ग्रहण करते हैं और फेफड़ों की सांस लेने की क्षमता पर प्रभाव डालते हैं। इसके बाद शारीरिक व्यायाम
जैसे सूर्य नमस्कार, भुजंगासन, धनुरासन आदि रोजाना जरुर करें। इससे शरीर के स्टैमिना/क्षमता में इजाफा है।

सामजिक दूरी

कोरोना वायरस के इस समय में जितना हो सकें घर से बाहर निकलने से बचें। यदि आपको किसी जरुरी काम से घर से बाहर जा रहें हो तो दूसरे व्यक्तियों से कम से कम 2 मीटर या 6 फीट दूरी बना कर रखें। कोरोना वायरस हवा के माध्यम से फैलता है। सोशल डिस्टेंस इसे फैलने से रोकने में एक अच्छा उपाय है।

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कोरोना संक्रमण होने पर क्या करें?

यदि आप में कोरोना संक्रमण के लक्षण दिखाई देते हैं तो सबसे पहले अपने आप को परिवार के अन्य सदस्यों से अलग कर सेल्फ क्वांरनटीन में रहें। स्वयं डॅाक्टर के पास या अस्पताल जाने से बचें। संबंधित सरकारी संस्था या सरकारी हेल्पलाइन नम्बर पर फोन कर अधिकारी से बात कर अपनी स्थिति के बारे में बतायें।
खांसते-छींकते वक्त टीशू का इस्तेमाल करें। भारत सरकार के हेल्पलाइन नम्बर +91-1123978046 पर सम्पर्क करें और विशेषज्ञों के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें। कोरोना वायरस की जांच संभव है। धैर्य से सभी निर्देशों का पालन करें। कोरोना वायरस से संक्रमित व्यक्तियों में ठीक हुए व्यक्तियों की संख्या ज्यादा है।
विश्व स्वास्थ्य संगठन से प्राप्त अध्ययन और आंकड़ों के अनुसार कोरोना पीड़ित व्यक्ति जो आब्जरवेशन में थे। उनमें से 80% लोगों को साधारण संक्रमण के लक्षण दिखाई दिए। जिनमें प्रमुख बुखार, खांसी, गले में दर्द और निमोनिया  जैसे लक्षण है।
लगभग 14-15% पीड़ितों में सांस लेने में दिक्कत और सीने में दर्द, बेचैनी जैसी  समस्या देखी गयी। लगभग 7-8 % पीड़ितों में इसके गंभीर परिणाम देखने को मिलें हैं। जैसे फेफड़ों का फेल हो  जाना, अंदरूनी अंगों का फेल हो जाना और कुछ मामलों में मृत्यु।

कोरोना से बचने के लिए आप दिनभर में 2बार स्टीम लें। गले से कफ को हटाने के लिए नमक और गर्म पानी से गार्गल करें। कम से कम 2 बार काढ़ा का सेवन करें। खट्टे फल का सेवन करें और इम्युनिटी का विशेषकर ध्यान रखें।

कोरोना वायरस अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQ)

Q.कोरोना वायरस क्या है?

A. कोरोना वायरस एक श्वसन तंत्र संक्रमण रोग है, जो हवा के माध्यम से फैलता है। यह सार्स (SARS) के परिवार का वायरस हैं। यह अभी तक जानवरों में पाया जाता था। इसका पहला मरीज चीन के वुहान शहर में मिला था।

Q. कोरोना और कोविड-19 में क्या अंतर है?

A. विश्व स्वास्थ्य संगठन ने नोबल कोरोना वायरस को फरवरी 2020 में कोविड-19 (COVID-19) नाम दिया। इसका पूर्ण रूप कोरोना वायरस आईडेंटिफाई इन डिसेम्बर 2019  बताया गया। क्यूंकि इसका दुनिया भर में सबसे पहला मामला दिसम्बर 2019 में चीन में मिला था और कोरोना वायरस फैलने की पुष्टि हुई थी।

Q. क्या कोरोना की कोई दवा उपलब्ध है?
A. नहीं, अभी तक बाजार में कोरोना की कोई भी असरदार दवा उपलब्ध नहीं है। परंतु बहुत से देश और फार्मासुटिकल कंपनियां इसकी असरदार दवा को बनाने के लिए कार्यकर रही है। फिलहाल विशेषज्ञों ने कोरोना के विरुद्ध शरीर की इम्युनिटी को सबसे ज्यादा असरदार माना है। बाजार में बहुत सी इम्युनिटी बढ़ाने की दवाइयां उपलब्ध है। परन्तु इनका उपभोग करने से पहले विशेषज्ञ से परामर्श जरुर लें।

Q. कोरोना हेल्पलाइन नम्बर क्या है?
A. कोरोना के बारे में सूचित करने के लिए केन्द्रीय हेल्पलाइन नम्बर  +91-11-23978046 है। सभी राज्यों ने अपने हेल्पलाइन नम्बर जारी किए हुए हैं।

Q. कोरोना संक्रमण में मृत्यु दर कितनी है?
A. कोरोना संक्रमण के फैलने की दर स्वाइन फ्लू से दस गुना अधिक है, परन्तु इसके कारण हुई मृत्यु दर को देखें तो यह लगभग 3% है। इसमें मृत्यु की संभावना बुजुर्ग रोगियों, जो 60 साल या इस से अधिक उम्र के हो, मधुमेह, हृदय संबंधी रोगों में और कैंसर के रोगियों में अधिक है। संक्षेप मे कहा जाए तो इस रोग से मरने वाले व्यक्तियों की इम्युनिटी बहुत कम होती है, जिस कारण शरीर कोरोना वायरस के विरुद्ध लड़ने में असमर्थ होता है।

Q. कोरोना वायरस से बचने के आवश्यक उपाय क्या हैं?
A. जैसा कि ऊपर लेख में बताया गया है कि मास्क, लगातार हैंड वाश, स्टीम लेना, काढ़ा पीना, रोजाना 3-4 लीटर पानी पीना और योग व्यायाम आदि कोरोना से बचने का लाभकारी उपाय हैं। अधिक जानकारी के लिए ऊपर लेख पढ़ें।

कोरोना महामारी पूरी दुनिया में बड़े स्तर पर फैल गयी है। बहुत से देशों ने इसके खिलाफ कड़े कदम उठाकर इस बीमारी को काफी हद तक काबू कर दिया है। हमारी सजगता और जीवन शैली ही हमें इस रोग से दूर रहने में सहायता कर सकती है। आप भी घर पर रहें, स्वस्थ रहें। अपने चारों ओर साफ सफाई और स्वस्थ भोजन का विकल्प चुनें। कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए सरकार एवं विशेषज्ञों के द्वारा दिए गए निर्देशों का पालन करें।